विवेकाधीन अधिकार के तहत भारत कि सरकारे बन सकती है विवेकाधीन कोटो कि क्या बिसात |
संविधान प्रदत विवेकाधीन अधिकार का प्रयोग करना अगर गलत है तो भारत के राष्ट्रपति और राज्यपालो द्वारा समय समय परअल्पमत सरकारों को विवेकाधीन अधिकारों के तहत अनुमति दी |जिसका निकृष्टतम उदहारण : चरणसिंह और चंद्रशेखर को प्रधानमंत्रीबनाना |परिणाम स्वरूप बारबार निर्वाचन के बोझ टेल देश को ढके लेन से कितने करोड का खर्च वहन करना पड़ा | महीनो राष्ट्र कि गतिविधियां रुक गई थी | देश दशको पीछे ढकेल दिया गया था |
आपने याधियुरपा सरकार के मंत्रियों द्वारा विवेकाधीन निर्णय को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के साथ जोड़ना कहाँ तक उचित है |शुद्ध भ्रष्टाचार को संविधान द्वारा प्रदत्त अथवा परम्परा से विवेकाधीन अधिकारों कि अवमानना संविधान और परम्पराओ का अपमान है |
आपने केवल कर्नाटक और बिहार का उल्लेख किया | क्या बाकि प्रदेश ने विवेकाधीन अधिकारों का उपयोग नहीं किया ? केन्द्र सरकार के मंत्री जो विवेकाधीन अधिकार का उपयोग करंते है |इनका उल्लेख नहीं कर केवल भाजपा शासित प्रदेशो का उल्लेख भास्कर कि पक्ष निरपेक्षता भंग हुई है
आपने "सोनिया गाँधीनेऐसे तमात कोटे खत्म करने कि सिफारिश की थी " का उल्लेख किया | सोनिया गाँधी किस अधिकार से विवेकाधीन अधिकारों द्वारा किये गये निर्णय खत्म करे | सरकार को न्यायालय के चक्कर लगाने को बाध्य कर नयाझंझट खड़ा हो सकता है यह उन्हें बतैये | सोनिया जी को बताइये कि यह विवेकाधीन अधिकार क्या है ? कब से इसका प्रयोग हो रहा हैइसके द्वारा देश को किन किन संकटो का सामना करना पड़ा है |भास्कर के पाठक ही नहीं राष्ट भी जानना चाहता है |
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